1

Lyrics shiv chalisa Secrets

News Discuss 
मातु पिता भ्राता सब कोई । संकट में पूछत नहिं कोई ॥ प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला । जरे सुरासुर भये विहाला ॥ स्तवं यः प्रभाते नरः शूलपाणे पठेत् सर्वदा भर्गभावानुरक्तः । स्वामी एक है आस तुम्हारी । आय हरहु अब संकट भारी ॥ निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥ https://shivchalisas.com

Comments

    No HTML

    HTML is disabled


Who Upvoted this Story