दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं । सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥ जन्म जन्म के पाप नसावे । अन्तवास शिवपुर में पावे ॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ । या छवि को कहि जात न काऊ ॥ योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके । https://shiv-chalisa-lyrics-in-hi43601.slypage.com/30271569/5-easy-facts-about-shiv-chalisa-lyrics-in-gujarati-described