ज़मीन पर शव पड़े हुए थे. मैं बस अपनी बेटी रोज़ और गर्भ में पल रहे शिशु के बारे में सोच पा रही थी.” अपने भाईयों के विपरीत शापुरजी सकलतवाला कभी टाटा समूह को चलाने के लिए आगे नहीं आए. साक्षी मलिक ने विनेश और बजरंग को लेकर किया बड़ा https://www.oxfordnewstoday.com/